प्रधानमंत्री रोज़गार योजना
एक्रीलिक शीट से बटन बनाने की इकाई कैसे लगायें
पूरे
देश में शिक्षित बेरोजगारों के लिये प्रधानमंत्री रोजगार योजना चलायी जा रही
है। विभिन्न प्रदेशों में इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उद्योग
विभाग को सौंपी गयी है। जिलों में स्थित जिला उद्योग केन्द्र इस योजना को
संचालित कर रहे हैं। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को उद्योग क्षेत्र,
सेवा क्षेत्र और व्यवसाय क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए मदद दी जाती है।
उद्योग क्षेत्र में इलेक्ट्रिक स्विच बोर्ड, शू मेकिंग, बालपेन और रिफिल
जैसे या इस जैसे बहुत से छोटे उद्योगों के लिये मदद दी जाती है। सेवा
क्षेत्र में आटो रिपेयरिंग, डी.टी.पी., इलेक्ट्रिकल रिपेयरिंग और टेंट हाउस
जैसे काम शुरू करने के लिये मदद की जाती है। इसी तरह व्यवसाय क्षेत्र में
बुक स्टाल, स्पोर्ट्स शॉप, ग्रेन मर्चेन्ट और आयल शॉप जैसे काम शुरू करने
के लिये मदद दी जाती है। इस योजना के तहत यह प्रयास किया जाता है कि हर जिले
में कम से कम एक निश्चित मात्रा में युवाओं को इस योजना के तहत मदद दी जाये।
रोज़गार और निर्माण के पाठकों के लिये प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत
उद्योग, सेवा और व्यवसाय क्षेत्र से संबंधित विभिन्न तरह की जानकारी लगातार
प्रकाशित की जा रही है। इसके तहत इस बार प्रस्तुत है एक्रीलिक शीट से बटन
बनाने के निर्माण की इकाई कैसे लगायें।
बटन
मानवीय परिधान का एक प्रमुख तथा आवश्यक अंग है लगभग प्रत्येक परिधान में
किसी रूप में बटन का उपयोग होता है। यद्यपि बटन का उपयोग मुख्यतया परिधान
की फिटिंग हेतु अथवा उसके अनिवार्य भाग के रूप में ही किया जाता है, परन्तु
इनके साथ-साथ काफी मात्रा में बटनों का उपयोग परिधान की सजावट हेतु भी किया
जाता है। जिसके लिये विभिन्न प्रकार तथा डिजाइनों के फैन्सी बटनों का
प्रचलन बढ़ा है। क्योंकि परिधान मानवीय जीवन का आवश्यक अंग है, अत: बटन बनाने
की यदि कोई इकाई तहसील/जिला स्तर पर स्थापित की जाये तो इसके लिये पर्याप्त
तथा निरंतर बाजार मिल सकता है। इसके साथ-साथ उद्यमी इन उत्पादों की
डिजाईनिंग में निरंतर परिवर्तन करता रहे तथा सामान्य (आवश्यक) प्रकार के
बटनों के साथ-साथ फैन्सी बटनों का निर्माण भी करें तो इस प्रकार का भविष्य
अत्यंत उज्ज्वल हो सकता है।
उत्पादन लक्ष्य
इस
इकाई में प्रतिवर्ष
12,64,800
दर्जन अथवा
1,05,400
ग्रुस बटन का उत्पादन होगा। जिनकी बिक्री से प्रतिवर्ष
7,37,800
प्राप्तियां होंगी। (7
रुपये प्रति ग्रुस)
उत्पादन प्रक्रिया
प्लास्टिक बटनों के निर्माण में मुख्यतया दो विधियों का उपयोग होता है -
डाईपंचिग विधि से पोलिएस्टर अथवा एक्रीलिग शीट्स की कटिंग करके, अथवा
काम्प्रेशन मोल्ंडिग विधि से यूरिया फार्मेल्डीहाइड मोल्ंडिग पावडर को
प्रोसेस करके वर्तमान परियोजना में एक्रीलिक शीट्स से डाईपंचिंग विधि द्वारा
बटन बनाने की योजना प्रस्तुत की गई है। इस विधि द्वारा बटन बनाने की
प्रक्रिया के प्रमुख चरण निम्नानुसार हैं।
क.
एक्रीलिक शीट की बटन को कच्चे (Rough)
आकार
में काटना
ख.
वांछित आकार तथा डिजाइन में बटन की फिनिशिंग करना।
ग.
बटन के ऊपरी (मुख) भाग पर डिजाइन बनाना।
घ.
बटन में छेद बनाना (ड्रिल करना)
ड.
पॉलिशिंग करना
च.
बटन पैक करके विपणन हेतु प्रस्तुत करना।
परियोजना परिकल्पना व आधारभूत मान्यतायें
एक
वर्ष में
300
कार्यदिवस, एकल पारी-8
घंटे प्रतिदिन व एक माह में
25
कार्य दिवस क्षमता दोहन-स्थापित क्षमता का
70
प्रतिशत के आधार पर गणना की गयी है।
इकाई
के वित्तीय पहलू
1.
इकाई हेतु भूमि तथा भवन की आवश्यकता
इस
इकाई हेतु लगभग
1000
वर्गफीट के निर्मित क्षेत्र की आवश्यकता होगी।
2.
मशीनरी एवं उपकरण
इस
इकाई में लगने वाली प्रमुख मशीनें तथा उपकरण निम्नानुसार होंगे -
क्र.
मशीनरी/उपकरण वांछित कुल मूल्य
का प्रकरण संख्या (रु. में)
1.
शीट कटिंग मशीन
1 29000
(1
हार्स पावर मोटर सहित)
2.
ड्रिलिंग मशीन
1 14000
(1/2
हार्स पावर मोटर सहित)
3.
छेद करने वाली मशीन
2 11000
(Hole
Master)
4.
ग्राईडिंग मशीन
1 8000
5.
अन्य उपकरण तथा
8000
हस्त औजार आदि
कुल लागत
=
70000
3.
कार्यशील पूंजी की आवश्यकता (प्रतिमाह)
इस
इकाई में प्रयुक्त होने वाला प्रमुख कच्चा माल है - एक्रीलिक शीट्स जिनकी
खरीद पर प्रतिमाह निम्नानुसार व्यय होना अनुमानित है।
क्र.
कच्चे माल मात्रा दर कुल लागत
का प्रकार रुपये में
1.
एक्रीलिक शीट्स
1952 18
रु.
35136
वर्गफीट वर्गफीट
2.
पैकिंग मटेरियल
6000
(पैकिंग डिब्बे आदि)
कुल लागत
= 41136
4.
उपयोगिताओं पर व्यय (प्रतिमाह)
इस
इकाई में प्रमुख उपयोगितायें विद्युत एवं पानी हैं। इकाई से संबंधित मशीन
के संचालन हेतु लगभग
3
हार्स पावर विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होगी।
जिस
पर अनुमानित व्यय निम्नानुसार होगा :
l
विद्युत पर खर्चा
= 900
पानी पर
व्यय
= 1000
कुल लागत
= 100
5.
कर्मचारियों के वेतन/पारिश्रमिक (प्रतिमाह)
इकाई
के संचालन हेतु निम्नानुसार कर्मचारियों/कारीगरों की आवश्यकता होगी जिनको
प्रतिमाह निम्नानुसार वेतन/पारिश्रमिक देय होगा :
क्र.
कर्मचारी संख्या वेतन प्र.मा. कुल वेतन
की श्रेणी रुपये में रुपये में
1.
प्रबंधक/सेल्समैन
1 1200 1200
2.
कुशल कारीगर
3 1200 3600
3.
अकुशल कारीगर
3 800 24000
कुल देय वेतन
= 7200
यह
कार्य पार्ट टाइम/ठेके पर भी किया जाता है लेकिन गणना की सुविधा के लिये
मासिक वेतन का आधार लिया गया है।
6.
विविध खर्चे
इकाई
के कार्यों से संबंधित पोस्टेज, टेलीफोन, यात्रा व्यय, बिक्री आदि से
संबंधित खर्चों हेतु प्रतिमाह लगभग
2000
रुपये का प्रावधान किया गया है।
7.
कुल कार्यशील पूंजी (प्रतिमाह)
1.
मकान/शेड का किराया
= 1000
2.
कच्चा माल
= 41336
3.
उपयोगिताओं पर व्यय
= 1000
4.
कर्मचारियों को वेतन/पारिश्रमिक
= 7200
5.
विविध खर्चे
= 2000
कुल
= 52336
अथवा
= 52400
या प्रतिदिन कार्यशील पूंजी
= 2096
8.
इकाई में कुल पूंजी निवेश
क.
स्थायी संपत्तियों की लागत
= 70000
ख.
कार्यशील पूंजी की लागत
(14
दिनों की)
= 29344
कुल
= 99344
या
= 100000
9.
पी.एम.आर.वाई. के अंतर्गत इकाई की स्थापना हेतु प्रस्तावित वित्तीय स्त्रोत
क.
बैंक से उपलब्ध ऋण
95% = 95000
ख.
उद्यमी द्वारा निवेशित की जाने वाली
= 5000
मार्जिन मनी
5%
कुल योग
= 100000
10.
उत्पादन लागत (प्रतिवर्ष)
क.
कार्यशील पूंजी
= 628032
ख.
प्लांट एवं मशीनरी का मूल्य हृास
= 7000
ग.
बैंक ऋण पर ब्याज
= 14725
(15.5%
वार्षिक)
कुल लागत
= 649757
11.
इकाई की लाभप्रदता
105400
ग्रुस बटन की
बिक्री से कुल प्राप्तियां
= 737800
कुल वार्षिक लाभ
= 88043
मासिक लाभ
= 7337
नोट : आलेख में दी गयी राशि उदाहरण के लिए प्रस्तुत की गई है। वर्तमान में
ऊपर दिये गये पारिश्रमिक, पदार्थों और सामान के मूल्य में परिवर्तन संभव
है।
1.
मार्गदर्शन/आवेदन पत्र
प्राप्ति और जमा करने का पूरा पता -
i.
जिला व्यापार एवं उद्योग
केन्द्र (मध्यप्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित है।)
नोडल एजेन्सी:-
महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र
ii.
विकासखण्ड स्तर पर उद्योग विभाग के प्रबंधक/सहायक प्रबंधक से संपर्क किया
जा सकता है। (उपरोक्त अधिकारी विकासखण्ड कार्यालय में उपस्थित रहते हैं।)
iii.
मध्यप्रदेश के सभी जिलों
में स्थित सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी इस संबंध में जानकारी ली जा सकती
है।
2.
पात्रता -
सभी वर्गों
के आवेदक इसके लिये पात्र हैं।
3.
शैक्षणिक योग्यता -
कम से
कम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण।
4.
आयु सीमा -
सामान्य वर्ग
के उम्मीदवार की आयु
18
से
35
वर्ष के बीच होना चाहिए।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिलाओं के लिये आयु सीमा में
10
वर्ष की छूट है।
5.
वार्षिक आय -
समस्त स्रोतों
से परिवार की वार्षिक आय
1.00
लाख रुपये से अधिक नहीं
होनी चाहिए।
6.
ऋण सीमा:-
(अ) व्यवसाय
एवं सेवा कार्य हेतु-
2.00
लाख रुपये तक।
(ब) उद्योग हेतु-
5.00
लाख रुपये तक।
7.
मार्जिन मनी -
5%
से लेकर
16.25%
तक। जिससे अनुदान राशि
और मार्जिन मनी का योग स्वीकृत ऋण राशि के
20%
के बराबर हो जाये।
8.
अनुदान की पात्रता -
15% तक। अधिकतम
12,500/- रुपये
प्रति हितग्राही।
9.
आवेदन के साथ लगाये जाने
वाले सहपत्र -
i.
दो प्रतियों में आवेदन
पत्र फोटो के साथ।
ii.
आय, जाति एवं निवासी
प्रमाण पत्र।
iii.
रोजगार पंजीयन।
iv.
राशन कार्ड।
v.
योजना।
10.
ऋण कहां से मिलेगा -
जिलों में काम कर रही सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों की
शाखाओं के जरिए।
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